Compassion Day

ऐ नबी! हमें माफ़ कर दीजिए!

आपका है रहम-ओ-करम..

आपसे है रोशन ये जहां;

ऐ रसूल-ए-ख़ुदा!

लाखों दिलों में है आपका बसेरा।

माह-ए-रबी उल अव्वल का था वो मुबारक दिन,

जहां में तशरीफ़ लाए आप जिस दिन!

करने हमारी रहनुमाई हर पल हर दिन।

यतीमों के दुःख-दर्द को जाना आपने,

अपना बचपन यतीमी में गुज़ारा आपने।

सिर पर बाप का साया ना पाया आपने..

छह बरस की उमर में मां को खोया आपने,

आठ बरस के हुए, तो दादा अब्दुल मुत्तलिब  भी गुज़र गए..

आप इस भरी दुनिया में तन्हा रह गए!

इन कड़वे लम्हों को भी मुस्कुराकर गुज़ारा आपने,

रहमत, दरियादिली और अपनापन सिखाया आपने।

यतिमों की देखभाल, मोहताजों से मोहब्बत का सुलूक अपनाना..

इंतिहा हुई हमदर्दी की!

जब कहा- यतिमों के सामने अपने बच्चों को गले ना लगाना,

गरीबों को अपने पैसे ना दिखाना, भूखे के सामने खाने का लुत्फ़ ना उठाना।

लोगों की परवाह करना, औरों पर ख़र्च करना..

हुस्न-ए-सुलूक है कि तुम एहसान ना जताना।

ऐ  रसूल-ऐ-ख़ुदा!

क्या ख़ूब था आपका फरमाना।

बीवियों और बच्चियों के साथ बेहतरीन अमल का हुक्म दिया,

घर के काम करने में- कोई शर्म नहीं किया।

जो आज भी मौजूद है समाज में, उस हर क़ैद से आज़ाद किया।

आपके दुश्मनों ने भी आपको “सादिक़” और “अमीन”  जाना,

माद्दी फ़ायदे और जहालत में बेपरवाह, उन लोगों ने पैग़ाम-ए-हक़ को नहीं पहचाना।

अपने दुश्मनों पर भी आपने ऐसे प्यार लुटाया..

जैसे हमने अपने अज़ीज़ों से भी ना जताया।

एक बेहतरीन हस्ती और पाकीज़ा नफ्स को उन लोगों ने नहीं पहचाना।

लोगों से मुस्कुरा कर मिलना ,

भली बात करना

राह से रुकावटें हटाना..

मरीज़ की देखभाल करना

चाहे ख़ुद भूखे रहो, गरीबों को खिलाना..

सवाली को कभी खाली हाथ ना लौटाना,

सब अच्छे अमल हमें आप ने सिखाया,

हर नेक अमल को आपने सदक़ा बताया।

आपने बेसब्री से पैग़ाम-ए-हक़ को आम किया

लोगों पर नेमत तमाम किया,

लेकिन बदले में अपको क्या मिला?

ज़ख़्मी बदन, ख़ून में डूबे क़दम और दर्द-ए-दिल,

बेइंतेहा मोहब्बत का ये सिला मिला!

दर्द से तड़पते हुए, ख़ुदा के आगे हाथ उठाकर..

बोले- “या रब, इन्हें मगफिरत अता कर!”

ग़ुलामों के हक़ में आवाज़ उठाया

और उनकी आज़ादी की मांग किया,

आपने मज़दूरों के हुक़ूक़ बताया

पसीना सूखने से पहले उनका मेहनताना दिलाया।

आप कमज़ोरों की ताक़त बने

बे आवाज़ों की आवाज़ बने

और गुमराहों की रहनुमाई की।

मालदारों की दौलत में ग़रीबों के हक़ का एलान किया

मां-बाप के साथ बेहतरीन सुलूक का फरमान दिया,

जिनके क़र्ज़ हम कभी चुका नहीं सकते।

आपने बच्चों से हमेशा प्यार किया,

बच्चों को कभी डांट नहीं लगाया..

Click here to sign the petition http://chng.it/LWdVprfk

उन्हें आपने जन्नत के फ़ूल बताया।

आपने हमें हक़ के लिए बोलना सिखाया,

इंसाफ के लिए लड़ना सिखाया,

फिर चाहे कोई अपना हो या पराया!

पौधे लगाना, जानवरों से हमदर्दी करना

फितरत से मोहब्ब करना,

हर नेक अमल आपने सिखाया।

आपने औरतों के हक़ में आवाज़ उठाई

जिस वक़्त औरतों को ज़िंदा जला देते थे,

आपने उनके सम्मान में मशाल जलाई!

औरतों को बराबरी का हक़ और इज़्ज़त दिलाई।

वोट देने का और विरासत में उनका हिस्सा दिलाया,

जदीद ज़माने से पहले, तलाक़ देने का हक़ दिलाया।

ज़माने जहालत  में आपने भेद भाव मिटाया,

अपने आख़री ख़ुत्बे में आपने फ़रमाया..

नहीं है कोई फ़ज़ीलत गोरे को काले पर सिवाए अच्छे आमाल के।

अपका नाम आज भी तारीख़ के बेहतरीन क़ानून साज़ों में गिना जाता है।

अगर लोगों को मालूम होता कि आपकी असल शख़्सियत कैसी थी, आपने किन मसाइल पर आवाज़ उठाई, तो कोई भी आपसे मुहब्बत को रोक नहींसकते ।

हमें माफ़ कर दीजिए कि, हमने अपनी पीढ़ियों तक आपकी सच्ची तस्वीर नहीं पहुंचाया।

हमें माफ़ कर दीजिए कि, हमने आपके दिखाए हुए रास्ते, आपकी सीख और आपके उसूलों को नहीं अपनाया।

हमें माफ़ कर दीजिए कि, हमने आपके किरदार को नहीं अपनाया।

हमें माफ़ कर दीजिए कि, दुनिया ने हमारी नाकामियों की वजह से आपको ग़लत समझा।

ऐ रसूल-ए-ख़ुदा!

हमें माफ़ कर दीजिए, हमें माफ़ कर दीजिए।

हमारी पैदाइश से पहले आप हमारे लिए रोते थे।

हम आपसे मिले बिना आपसे शदीद मोहब्बत करते हैं।

आपकी माफ़ी बेमिसाल है,

बेशक़ आप मोहब्बत और रहमत की अलामात हैं।

ऐ  रसूल-ए-ख़ुदा!

ऐ नबी-ए-करीम, लाखों दिलों में है आपका बसेरा।

Vote for Prophet Muhammad ﷺ to demand 12 Rabi ul Awwal #CompassionDay – Click here to sign the Petition

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WHY CELEBRATE COMPASSION DAY?

The word COMPASSION means love, kindness, care and concern for the suffering and misfortune of others. Does this ring a bell? Does this remind you of someone? Those who know Prophet Mohammed know he was brought as a mercy to this world and was the most compassionate...

Be compassionate and vibrate higher!

There is something very gloomy all around us, we are all locked up and scared to move out. Our happiness is shadowed by the ever increasing sufferings and death-counts. COVID-19 has become the talk of the town, each one of us is taking all the possible measures to...